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Thursday, May 26, 2011

Join Anti-repression Conventions at Chandigarh and Rampura :



  • ਕਾਮਰੇਡ ਹਰਭਿੰਦਰ ਜਲਾਲ ਨੂੰ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਦੋਸ਼ ਤੋਂ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ ਕਰਨਾ, ਝੂਠੇ ਕੇਸ ਪਾਉਣਾ, ਪੁਲਿਸ ਰਿਮਾਂਡ 'ਚ ਅੰਨ੍ਹਾਂ ਜਬਰ ਢਾਹੁਣਾ, ਮਾਓਵਾਦੀ ਪਾਰਟੀ ਨਾਲ ਸਬੰਧਾਂ ਅਤੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਦਾ ਹਊਆ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਨਾ, ਜੇਲ੍ਹ ਦੀਆਂ ਸੀਖਾਂ ਪਿੱਛੇ ਡੱਕਣਾ, ਜਮਹੂਰੀ ਹੱਕਾਂ ਤੇ ਸ਼ਹਿਰੀ ਆਜ਼ਾਦੀਆਂ 'ਤੇ ਨੰਗਾ ਚਿੱਟਾ ਹਮਲਾ ਹੈ

  • ਦਾਂਤੇਵਾੜਾ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕਬਾਇਲੀ ਖੇਤਰਾਂ 'ਚ ਲੋਕਾਂ ਕੋਲੋਂ ਜੰਗਲ, ਜਲ, ਜ਼ਮੀਨ ਅਤੇ ਖਣਿਜ਼ ਪਦਾਰਥ ਖੋਹਣ ਲਈ ਪਿੰਡਾਂ ਦੇ ਪਿੰਡ ਸਾੜਨ, ਕਤਲੋਗਾਰਦ ਮਚਾਉਣ, ਉਜਾੜਨ ਅਤੇ ਜਮਹੂਰੀ ਹੱਕਾਂ ਉਪਰ ਛਾਪੇ ਮਾਰਨ ਦਾ ਸਿਲਸਿਲਾ ਜਾਰੀ ਹੈ

  • ਪੰਜਾਬ ਅੰਦਰ ਹਕੂਮਤੀ ਥਾਪੜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਾਤਲੀ ਗਰੋਹਾਂ ਵੱਲੋਂ ਲੋਕ ਆਗੂਆਂ ਦੇ ਕਤਲਾਂ ਦੀ ਲੜੀ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਵਧਦਿਆਂ ਜਨਤਕ ਵਿਰੋਧ ਨੂੰ ਕੁਚਲਣ ਦੀ ਨੀਤੀ ਤਹਿਤ ਸੇਲਬਰਾਹ ਪਿੰਡ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਛੱਲੀਆਂ ਵਾਂਗ ਕੁੱਟਣ ਅਤੇ ਝੂਠੇ ਕੇਸ ਮੜ੍ਹ ਕੇ ਜੇਲ੍ਹੀਂ ਸੁੱਟਣ ਦਾ ਘਿਨੌਣਾ ਕਾਰਾ ਕੀਤਾ ਹੈ

  • ਪਿੰਡ ਕੋਟੜਾ ਕੌੜਾ 'ਚ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਠੇਕੇ ਦਾ ਹੱਕੀ ਵਿਰੋਧ ਕਰਦੇ ਆਗੂਆਂ ਉਪਰ ਸਰਕਾਰੀ ਸ਼ਹਿ 'ਤੇ ਕਾਤਲਾਨਾ ਹਮਲਾ ਕਰਨਾ, ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਬਾਲਿਆਂਵਾਲੀ ਥਾਣਾ ਘੇਰ ਕੇ ਦੋਸ਼ੀਆਂ ਖਿਲਾਫ਼ ਢੁਕਵੀਂ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ ਦੀ ਮੰਗ ਨੂੰ ਅਖੀਰ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਮੁਜ਼ਰਮਾਂ ਦੀਆਂ ਲਗਾਮਾਂ ਖੁੱਲ੍ਹੀਆਂ ਛੱਡਣਾ ਹਾਕਮ ਧੜੇ ਵੱਲੋਂ ਲੋਕ-ਆਵਾਜ਼ ਦੇ ਗਲ ਗੂਠਾ ਦੇਣ ਦੇ ਇਰਾਦਿਆਂ ਦਾ ਨੰਗਾ ਚਿੱਟਾ ਸਬੂਤ ਹੈ
  • ਕਾ. ਹਰਭਿੰਦਰ ਜਲਾਲ ਦੀ ਬਿਨਾਂ ਸ਼ਰਤ ਰਿਹਾਈ, ਉਸ ਉਪਰ ਅਸਲੇ ਸਮੇਤ ਮੜ੍ਹੇ ਹੋਰ ਝੂਠੇ ਕੇਸ ਵਾਪਸ ਕਰਾਉਣ ਅਤੇ ਚੁੱਕਿਆ ਸਾਮਾਨ ਵਾਪਸ ਕਰਾਉਣ, ਸੇਲਬਰਾਹ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਉਪਰ ਮੜ੍ਹੇ ਕੇਸ ਰੱਦ ਕਰਾਉਣ ਅਤੇ ਸੇਲਬਰਾਹ, ਕੋਟੜਾ ਕੌੜਾ 'ਚ ਜੱਥੇਬੰਦੀਆਂ ਦੇ ਚੋਣਵੇਂ ਆਗੂਆਂ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਖਿਲਾਫ਼ ਕਾਤਲਾਨਾ ਹੱਲਾ ਬੋਲਣ ਵਾਲਿਆਂ ਖਿਲਾਫ਼ ਠੋਸ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ ਦੀ ਮੰਗ ਕਰਨ ਲਈ

3 ਜੂਨ ਦਿਨ ਸ਼ੁੱਕਰਵਾਰ ਨੂੰ 11 ਵਜੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਖੇ ਕਨਵੈਨਸ਼ਨ

6 ਜੂਨ ਦਿਨ ਸੋਮਵਾਰ ਨੂੰ 11 ਵਜੇ ਰਾਮਪੁਰਾ ਫੂਲ ਵਿਖੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਰੋਸ ਕਾਨਫਰੰਸ

ਸਮੂਹ ਜਮਹੂਰੀਅਤ ਅਤੇ ਇਨਸਾਫ ਪਸੰਦ ਜੱਥੇਬੰਦੀਆਂ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਮਾਗਮਾਂ ਨੂੰ ਸਫ਼ਲ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਭਰਵਾਂ ਸਹਿਯੋਗ ਦੇਣ ਦੀ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਅਪੀਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ

ਵਲੋਂ: ਅਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਗ੍ਰੀਨ ਹੰਟ ਵਿਰੋਧੀ ਫਰੰਟ, ਪੰਜਾਬ।

OPPOSE ARREST & TORTURE OF COM. HARBHINDER JALAL, DEMAND AN END TO ALL REPRESSIVE MEASURES

COM. HARBHINDER JALAL, BEING PRODUCED BY POLICE IN KHARAR COURT

Harbhinder Singh Jalal, who has been editing a revolutionary Punjabi magazine “CHAMKDA LAL TARA” (Shining Red Star), was arrested by Kharar Police while he was traveling in a bus near Gharuan village. The police alleged him to be the head of Punjab unit of CPI Maoist. A 32 bore pistol and some live cartridges were shown to have been recovered from him.

In police custody Harbhinder was severely tortured and subjected to third degree methods of interrogation. A case under S.10,13,18 & 20 of Unlawful Activities (Prevention) Act; S. 25, 54, 59 of the Arms Act and Section 121, 419, 420, 471 of the IPC has been slapped against him. He was denied the legal assistance of his chosen lawyers. Lok Morcha Punjab, along with his family approached S/Sh. R.S. Bains and Harinder Pal Singh Ishar, Chandigarh based Human Rights lawyers, who moved an application for permission to meet Com Harbhinder in police custody and for his medical examination. The State vigorously opposed this application on the fictitious ground of threat to national security. However the court allowed the advocates to meet him daily in the Police Station between 7 PM to 8 PM and also to get him medically examined every 48 hours from the Civil Hospital.

On 9.5.2011, when Com Harbhinder was produced in court for further remand, dozens of his friends and well-wishers from all over Punjab, came to see him, but the police did not allow them to meet him. His further police remand was sought on the plea that he was to be taken to Ranchi to affect certain recoveries. Subsequently this pretext proved to be false as he was not taken to Ranchi. Perhaps the court’s order permitting his lawyers to meet him everyday in the extended period of remand, acted as a dampener for the police. On 14.5.2011, he was remanded to judicial custody and is now lodged in Ropar Jail.

On 6.5.2011, a heavy contingent of Ropar and Bathinda Police raided his house at Rampura. Finding it locked, the police tried to find its keys from the neighbors, abusing, threatening and misbehaving with them. The people however refused to be cowed down and did not allow the police to search his house in the absence of any of his family members. To terrorize the people, the police raided the houses of two trade unionists living in the locality. Next day, the police party again came early in the morning along with some Municipal Councilors of Rampura City and forcibly entered in and searched Harbhinder’s house in the absence of his family members and any person from the locality. The police took away a computer, a large number of books and some domestic articles. This move was strongly opposed by the democratic mass organizations of the area. Next day a strongly worded statement denouncing the terror tactics of the police was issued jointly by the Bharti Kisan Union ( Dakonda), Technical Services Union, Democratic Teachers Front, and B.K.U. (Ugrahan).

Lok Morcha Punjab, Democratic Front Against Operation Green Hunt Punjab, and a revolutionary paper SURAKH REKHA condemned the arrest and false implication of Harbhinder Jalal in a criminal case. To keep the people informed about this, we utilized the medium of Facebook by posting news items and press statements on it. Now the DFAOGH Punjab has decided to hold Conventions at Chandigarh and Rampura on this issue along with the repressive measures taken at village Selbrah and Kotra Kaurian Wala, against the people opposing opening of liquor vends.

The planting of 32 bore revolver and live cartridges on Harbhinder Jalal, seems to be a part of the Punjab Police’s crude attempt to discredit revolutionary democratic movement in Punjab. Recently the police unearthed a gang of serving police employees and Arms Dealers, supplying country made illicit arms as genuine, by putting fake stamps and markings of reputed arms companies on them. As many as 8 police employees serving in various districts of Punjab have been arrested. The DGP Punjab, with the aid of certain pliable press persons, has been trying to link it with the Maoists, although up till now, no such proof is forthcoming.

Lok Morcha Punjab views the arrest of Com Harbhinder; falsely charging him with unlawful activities, waging war against the Govt, forgery and cheating; subjecting him to third degree torture, and illegal raids at his house and the houses of other trade unionists at Rampura, as atrocious, totally illegal and undemocratic steps, deserving strongest condemnation. These steps are aimed at stifling the political dissent, and ruthlessly crushing of every attempt to organize the people against the policies of liberalization, globalization and privatization, being pursued by the anti-people and anti-national rulers to ensure super profits for the MNCs and their Indian agents, through unhindered exploitation of our rich natural resources. We call upon all democratic people to join us in demanding withdrawal of the criminal case registered against Com Harbhinder Jalal and his unconditional release; putting an end to all repressive measures initiated against revolutionary political and mass activists and the people; and complete halt to neo-liberal economic policies.

By: N.K.JEET, Advisor, LOK MORCHA PUNJAB, (E-Mail: nkjeetbti@gmail.com)


Sunday, May 22, 2011

गोरखपुर मजदूर गोलीकांड :

फर्जी आरोप में 12 मजदूर नेताओं को जेल भेजा
'मायाराज' बना आतंकराज :
दिनभर शहरभर में मजदूरों को खदेड़ती रही पुलिस
मजदूर नेताओं ने जेल में आमरण अनशन शुरू किया

नई दिल्‍ली, 21 मई। आज गोरखपुर की पुलिस और प्रशासन ने मालिकपरस्‍त अंधेरगर्दी की नई मिसाल कायम कर दी। लेकिन पुलिसिया दमन के बावजूद मजदूर अपना सत्‍याग्रह विभिन्‍न रूपों में जारी रखे रहे।

3 मई के गोलीकांड के दोषियों की गिरफ्तारी और अन्‍य मांगों को लेकर 16 मई से भूख हड़ताल पर बैठे मजदूर कल, 20 मई को, जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे तो पुलिस ने उन पर बर्बर लाठीचार्ज करके 73 मजदूरों को हिरासत में लिया था जिनमें से अधिकांश मजदूर देर रात छोड़ दिए गए थे लेकिन बीएचयू की छात्रा श्‍वेता, स्‍त्री मजदूर सुशीला देवी और अन्‍य 12 को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस कल दिन में ही मजदूर नेता तपीश मैंदोला को किसी अन्‍य स्‍थान से उठा ले गई थी और आज सुबह तक तपिश की गिरफ्तारी से इंकार करती रही। बाद में दोपहर को अचानक तपीश को अदालत में पेश कर दिया गया। सभी मजदूर नेताओं पर पुलिस ने धारा 309 के तहत आत्‍महत्‍या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है। यह अपने आपमें हास्‍यास्‍पद है क्‍योंकि इनमें से अधिकांश तो अनशन पर बैठै ही नहीं थे। श्‍वेता तथा सुशीला देवी, जिनका स्‍वास्‍थ्‍य पांच दिन की भूख हड़ताल के बाद बिगड़ रहा था, उन्‍हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। बाकी 12 मजदूरों को जेल भेज दिया गया है। मजदूर नेताओं ने जेल में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर, पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ों मजदूर आज भी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने जगह-जगह लाठीचार्ज कर उन्‍हें एकत्र नहीं होने दिया। इसके बाद मजदूरों ने टाउनहॉल स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना देने की कोशिश की लेकिन वहां भी पुलिस ने मजदूरों को पहुंचने नहीं दिया। जिलाधिकारी कार्यालय घंटों तक पुलिस छावनी बना रहा और पुलिस के जवान आसपास के इलाके में ढूंढ़ कर मजदूरों को खदेड़ते रहे। कलेक्‍ट्रेट और टाउनहॉल के इर्द-गिर्द किसी भी स्‍थान पर चार-पांच मजदूर जैसे दिखने वाले व्‍यक्तियों को देखते ही पुलिस लाठियां लेकर तितर-बितर कर दे रही थी।

दिनभर चले दमन चक्र के बावजूद मजदूर सत्‍याग्रह जारी रखने पर दृढ़ हैं। शाम होते-होते सैकड़ों की संख्‍या में मजदूर वीएन डायर्स के तालाबंद कारखानों के गेट पर उसी स्‍थान पर फिर से जुट गए जहां जारी आमरण अनशन को पुलिस ने गिरफ्तारियों के द्वारा बंद करा दिया था। जेल में आमरण अनशन पर बैठे मजदूर नेताओं के समर्थन में बड़ी संख्‍या में विभिन्‍न कारखानों के मजदूर धरने पर बैठे हैं।

इस बीच वीएन डायर्स के मालिकान ने अपने अड़ि‍यल रुख को और बढ़ाते हुए कारखाना गेट पर नोटिस लगा दिया है कि जो मजदूर कल से काम पर नहीं आएंगे उन्‍हें हटाकर नयी भर्ती की जाएगी।

संयुक्‍त मजदूर अधिकार संघर्ष मोर्चा ने इसकी तीखी निंदा करते हुए कहा है कि श्रम विभाग और जिला प्रशासन की शह पर ही वीएन डायर्स के मालिकान इस तरह की नंगी मनमानी कर रहे हैं।

दूसरी ओर, मजदूरों ने जिलाधिकारी कार्यालय के माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री मायावती को ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी है कि अगर वे तत्‍काल हस्‍तक्षेप कर उन्‍हें न्‍याय नहीं दिलाएंगी तो श्रमिक अशांति और फैलेगी। ज्ञापन की प्रमुख मांगों में कल 20 मई को फर्जी आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी 14 मजदूर नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए और उन पर दायर सभी फर्जी मुकदमे वापस लेना,3 मई को हुए गोलीकांड के नामजद अभियुक्‍तों अशोक जालान, अंकुर जालान तथा प्रदीप सिंह (सहजनवां क्षेत्र के माफिया सरगना) को तुरंत गिरफ्तार करना और हत्‍या के प्रयास, आदि के मुकदमे चलाकर सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई करना, 9 मई को मजदूरों के बर्बर दमन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना, घटना की उच्‍च न्‍यायालय के कार्यरत न्‍यायाधीश से जांच कराना, गोलीकांड के घायलों को मुआवजा दिलाना, निलंबित मजदूरों को काम पर रखना और कारखानों की अवैध तालाबंदी खुलवाना शामिल हैं।

गोरखपुर मजदूर आंदोलन समर्थक नागरिक मोर्चा



ਨਸ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਸਰਪ੍ਰਸਤੀ ਤੇ ਪੁਲਸ ਵਧੀਕੀਆਂ ਖਿਲਾਫ ਵਿਸ਼ਾਲ ਰੋਸ ਧਰਨਾ

(ਜੱਥੇਬੰਦੀਆਂ ਵਲੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਪ੍ਰੈਸ ਨੋਟ)

Selbrah Kissan agitation"ਪਿੰਡ ਸੇਲਬਰ੍ਹਾ 'ਚ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਗੈਰਕਨੂੰਨੀ ਧੰਦੇ ਨੂੰ ਜਾਰੀ ਰੱਖਣ ਲਈ ਜਿਵੇਂ ਇਸਦਾ ਵਿਰੋਧ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਿੰਡ ਵਾਸੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕਰਕੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਵਿਹੜੇ ਨੂੰ ਅੰਨ੍ਹੇ ਜਬਰ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਬਣਾਕੇ ਇਰਾਦਾ ਕਤਲ ਵਰਗੀਆਂ ਸੰਗੀਨ ਧਰਾਵਾਂ ਤਹਿਤ ਜਿਲ੍ਹ 'ਚ ਡੱਕਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਇਹਦੇ ਲਈ ਅਕਾਲੀ ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ 'ਤੇ ਇਲਾਕੇ ਦਾ ਇੱਕ ਸਾਬਕਾ ਮੰਤਰੀ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਜੁੰਮੇਵਾਰ ਹੈ।" ਇਹ ਦੋਸ਼ ਬੀਤੇ ਦਿਨ 20 ਮਈ ਨੂੰ 20 ਕਿਸਾਨ ਤੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਮੁਲਾਜ਼ਮ ਜੱਥੇਬੰਦੀਆਂ ਵਲੋਂ ਸਥਾਨਕ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਦਫਤਰ ਮੂਹਰੇ ਦਿੱਤੇ "ਵਿਸ਼ਾਲ ਜਬਰ ਵਿਰੋਧੀ ਧਰਨੇ" ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦਿਆਂ ਵੱਖ ਵੱਖ ਬੁਲਾਰਿਆਂ ਵਲੋਂ ਲਾਏ ਗਏ। ਬੁਲਾਰਿਆਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਿਵੇਂ ਪੰਚਾਇਤ ਤੇ ਸਮੁੱਚੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਵਿਰੋਧ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਨਜੈਜ ਧੰਦਾ ਜਾਰੀ ਰੱਖਣ ਲਈ ਪੁਲਸ ਵਲੋਂ ਸੁੱਤੇ ਪਏ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਜਬਰ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ, ਘਰੇਲੂ ਸਮਾਨ ਦੀ ਭੰਨਤੋੜ ਕੀਤੀ ਗਈ ਇਹਦੇ ਲਈ ਕੋਈ ਵੀ ਕਨੂੰਨ ਇਜ਼ਾਜਤ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ। ਇਹ ਸਭ ਕੁਝ ਆਪਣੇ ਬਣਾਏ ਕਨੂੰਨਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਪੈਰਾਂ ਹੇਠ ਦਰੜ ਕੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਜੋ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਦੁਨੀਆਂ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਜਮਹੂਰੀਅਤ ਦਾ ਰਾਗ ਅਲਾਪਣ ਵਾਲੀ ਹਕੂਮਤ ਦਾ ਅਸਲੀ ਚਿਹਰਾ ਸਾਹਮਣੇ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ।

ਸੇਲਬਰ੍ਹਾ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਪਣੀ ਜਾਬਰ ਨੀਤੀ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਵਧਾਉਂਦਿਆਂ ਪਿੰਡ ਕੋਟੜਾ ਕੌੜਿਆਂ 'ਚ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਠੇਕੇ ਦਾ ਵਿਰੋਧ ਕਰਨ ਬਦਲੇ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਸਰਪ੍ਰਸਤੀ ਤੇ ਇਲਾਕੇ ਦੇ ਸੰਸਦੀ ਸਕੱਤਰ ਜਗਦੀਪ ਸਿੰਘ ਨਕਈ ਦੀਆਂ ਹਦਾਇਤਾਂ 'ਤੇ ਗੁੰਡਾ ਟੋਲੇ ਨੇ ਕਿਸਾਨ ਮਜ਼ਦੂਰ ਆਗੂਆਂ 'ਤੇ ਜਾਨਲੇਵਾ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ। ਇਹਨਾਂ ਗੱਲਾਂ ਤੋਂ ਸਾਫ਼ ਹੈ ਕਿ ਅਕਾਲੀ ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ ਤੇ ਇਸਦੇ ਸਥਾਨਕ ਲੀਡਰਾਂ ਦੀ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਸੌਦਾਗਰਾਂ ਨਾਲ ਮਿਲੀ ਭੁਗਤ ਹੈ। ਇਹ ਜਾਬਰ ਹਮਲੇ ਲੋਕ ਘੋਲਾਂ ਨੂੰ ਜਬਰ ਦੇ ਜੋਰ ਦਬਾਉਣ ਦੀ ਉਸੇ ਨੀਤੀ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਤਹਿਤ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਜਮਹੂਰੀ ਹੱਕਾਂ ਨੂੰ, ਮੁਢੋਂ ਹੀ ਕਤਲ ਕਰਨ ਲਈ ਕਾਲੇ ਕਨੂੰਨ ਘੜੇ ਗਏ ਹਨ।

Selbrah Kissan agitationਇਸ ਮੌਕੇ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਰਾਹੀਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਨੂੰ ਭੇਜੇ ਗਏ ਮੰਗ ਪੱਤਰ ਰਾਹੀਂ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਕਿ ਸੇਲਬਰ੍ਹਾ 'ਚ ਜਬਰ ਦੇ ਦੋਸ਼ੀ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਸਮੇਤ ਨਜੈਜ ਧੰਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਬਲਬੀਰ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਹਵਾਈ ਫਾਇਰਿੰਗ ਕਰਨ ਬਾਲੇ ਏ ਐਸ ਆਈ 'ਤੇ ਪਰਚੇ ਦਰਜ ਕਰਕੇ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ , ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਨਜਾਇਜ ਧੰਦਾ ਕਰਾਉਣ ਵਾਲੇ ਸਾਬਕਾ ਮੰਤਰੀ ਸਿਕੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ, ਸੰਸਦੀ ਸਕੱਤਰ ਜਗਦੀਪ ਸਿੰਘ ਨਕਈ ਵਿਰੁੱਧ ਵੀ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ, ਸੇਲਬਰ੍ਹਾ ਤੇ ਕੋਟੜਾ ਕੌੜਿਆਂ ਵਾਲਾ 'ਚ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਠੇਕੇ ਬੰਦ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਤੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਹਿਮਤੀ ਤੋਂ ਬਿਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਠੇਕੇ ਖੋਹਲਣ ਦੀ ਮਨਾਹੀ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ। ਸੇਲਬਰ੍ਹਾ 'ਚ ਕੁੱਟਮਾਰ ਤੇ ਸਮਾਨ ਦੀ ਭੰਨਤੋੜ ਦਾ ਮੁਆਵਜਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਕਿਸਾਨ ਮਜ਼ਦੂਰ ਆਗੂਆਂ 'ਤੇ ਦਰਜ ਕੇਸ ਰੱਦ ਕਰਕੇ ਫੌਰੀ ਰਿਹਾਅ ਕੀਤੇ ਜਾਣ, ਕੋਟੜਾ 'ਚ ਮਜ਼ਦੂਰ ਕਿਸਾਨ ਆਗੂਆਂ 'ਤੇ ਜਾਨ ਮਾਲ ਹਮਲੇ ਦੇ ਦੋਸ਼ੀ, ਕਰਨੈਲ ਸਿੰਘ, ਮਹਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਤੇ ਬਾਦਲ ਸਿੰਘ ਸਮੇਤ ਸਭਨਾਂ ਨੂੰ ਦਰਜ ਹੋਈ ਧਾਰਾ 307 ਤਹਿਤ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਮਜ਼ਦੂਰਾਂ ਦਾ ਜਾਤੀ ਅਪਮਾਨ ਕਰਨ ਬਦਲੇ ਦੋਸ਼ੀਆਂ 'ਤੇ ਐਸ. ਸੀ., ਐਸ. ਟੀ ਐਕਟ ਤਹਿਤ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ।

Wednesday, May 18, 2011

REPRESSION ON SELBRAH VILLAGERS TO PROTECT LIQUOR MAFIA

ਡੈਮੋਕ੍ਰੇਟਿਕ ਲਾਇਰਜ਼ ਐਸੋਸੀਏਸ਼ਨ ਦੀ ਤੱਥ ਖੋਜ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਜਾਰੀ ਰਿਪੋਰਟ ’ਚ ਖੁਲਾਸਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਸ਼ਰਾਬ ਮਾਫੀਏ ਦੀ ਪਿੱਠ ਥਾਪੜਣ ਲਈ ਪਿੰਡ ਸੇਲਬਰਾਹ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ’ਤੇ ਕਹਿਰ ਢਾਹਿਆ ਗਿਆ,ਜਿਸ ਨੂੰ ਸਿਆਸੀ ਸ਼ਹਿ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸੀ।
ਇਸ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਪਿੰਡ ਸੇਲਬਰਾਹ ਦਾ ਦੌਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਅਤੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪੁਲੀਸ ਕਪਤਾਨ ਨਾਲ ਵੀ ਮੁਲਾਕਾਤ ਕੀਤੀ ਗਈ। ਤੱਥ ਖੋਜ ਕਮੇਟੀ ’ਚ ਸੂਬਾ ਕਨਵੀਨਰ ਐਡਵੋਕੇਟ ਦਲਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਐਡਵੋਕੇਟ ਰਜੀਵ ਲੋਹਟਬੱਦੀ,ਐਡਵੋਕੇਟ ਚਮਕੌਰ ਸਿੰਘ,ਐਡਵੋਕੇਟ ਅਮਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਈ ਅਤੇ ਲਾਇਰਜ਼ ਫਾਰ ਜਸਟਿਸ ਐਂਡ ਡੇਮੋਕ੍ਰੇਟਿਕ ਰਾਇਟਸ ਦੇ ਐਨ.ਕੇ.ਜੀਤ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਇਸ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਸਾਰੇ ਪੱਖਾਂ ਅਤੇ ਦਸਤਾਵੇਜ਼ਾਂ ਦੀ ਛਾਣ-ਬੀਣ ਕਰਨ ਮਗਰੋਂ ਰਿਪੋਰਟ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ।
ਸੂਬਾ ਕਨਵੀਨਰ ਦਲਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਮਾਮਲੇ ’ਤੇ ਜੇਕਰ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਇਨਸਾਫ ਨਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਅਤੇ ਦੋਸ਼ੀ ਪੁਲੀਸ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਮਾਫੀਏ ਵਿਰੁੱਧ ਕਾਰਵਾਈ ਨਾ ਕੀਤੀ ਗਈ ਤਾਂ ਜਥੇਬੰਦੀ ਵੱਲੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਨਸਾਫ ਦਿਵਾਉਣ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਰਾਜ ਮਨੁੱਖੀ ਅਧਿਕਾਰ ਕਮਿਸ਼ਨ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਹਰਿਆਣਾ ਹਾਈ ਕੋਰਟ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੁਰਮੁੱਖ ਸਿੰਘ ਸਮੇਤ ਜੇਲ੍ਹ ਵਿਚ ਬੰਦ ਸਾਰੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਰਿਹਾਅ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ। ਕਮੇਟੀ ਨੇ ਸਰਕਾਰ ਤੋਂ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਹੈ ਕਿ ਪੁਲੀਸ ਵੱਲੋਂ ਮਿਤੀ 2.5.2011 ਨੂੰ ਪਿੰਡ ਦੇ ਗਰੀਬ ਭਾਈਚਾਰੇ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਦੀ ਤੋੜ ਭੰਨ ਕੀਤੀ ਹੈ,ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਸ ਦਾ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ। ਐਸ.ਐਚ.ਓ. ਥਾਣਾ ਫੂਲ ਸਮੇਤ ਹੋਰ ਪੁਲੀਸ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਝੂਠੇ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕੀਤੇ ਹਨ, ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਕਾਨੂੰਨੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਕਿ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਨਾਜਾਇਜ਼ ਕਾਰੋਬਾਰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸਖਤ ਹਦਾਇਤਾਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਣ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਪੰਚਾਇਤ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਠੇਕਾ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਨਾ ਖੋਲ੍ਹਣ ਦੇ ਸਬੰਧ ਵਿਚ ਮਤਾ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਸਨਮਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ।
ਇਸ ਰਿਪੋਰਟ ਮੁਤਾਬਕ ਮਿਤੀ 2.5.2011 ਨੂੰ ਪੁਲੀਸ ਵੱਲੋਂ ਘਰਾਂ ਦਾ ਕੀਮਤੀ ਸਾਮਾਨ ਟੀ.ਵੀ., ਫਰਿੱਜ ਆਦਿ ਦੀ ਤੋੜ ਭੰਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਅਤੇ ਮਰਦ ਪੁਲੀਸ ਵੱਲੋਂ ਪਿੰਡ ਦੀਆਂ ਔਰਤਾਂ, ਬੱਚਿਆਂ,ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਅਤੇ ਮਰਦਾਂ ਦੀ ਸ਼ਰੇਆਮ ਕੁੱਟਮਾਰ ਕੀਤੀ ਗਈ। ਪਸ਼ੂ ਖੋਲ੍ਹ ਦਿੱਤੇ ਗਏ,ਇਸ ਤਰਾਂ ਪੁਲੀਸ ਨੇ ਸ਼ਰਾਬ ਮਾਫੀਆ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਪਹਿਲਾਂ ਐਫ.ਆਈ.ਆਰ.ਨੰ:20 ਮਿਤੀ 3.4.2011 ਨੂੰ ਦਰਜ ਕੀਤੀ ਜੋ ਕਿ ਸੰਗੀਨ ਧਾਰਾਂਵਾਂ ਤਹਿਤ ਦਰਜ ਕੀਤੀ ਗਈ,ਜੋ ਕਿ ਘਟਨਾ ਤੋਂ ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਬਾਅਦ ਦਾਇਰ ਕੀਤੀ ਗਈ,ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਫ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬੀਰਬਲ ਪੁੱਤਰ ਬੇਲਾ ਸਿੰਘ ਜੋੋ ਕਿ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਠੇਕੇਦਾਰ ਕਹਿ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ ਚੱਢਾ ਗਰੁੱਪ ਨਾਲ ਐਗਰੀਮੈਂਟ ਕਰਕੇ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਠੇਕਾ ਚਲਾਉਣ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜੇਕਰ ਬੀਰਬਲ ਬਿੰਡੀ ਕਿਸੇ ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਠੇਕੇ ਦਾ ਮਾਲਕ ਹੁੰਦਾ।
ਰਿਪੋਰਟ ਅਨੁਸਾਰ ਜਥੇਬੰਦੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਫਰਵਰੀ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਦਿੱਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਮੰਗ ਪੱਤਰਾਂ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸਿਵਲ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਅਤੇ ਪੁਲੀਸ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਵੱਲੋਂ ਬੀਰਬਲ ਬਿੰਡੀ ਦੇ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਕੋਈ ਕਾਰਵਾਈ ਨਾ ਕਰਨੀ ਅਤੇ ਅੱਜ ਤੱਕ ਸਿਵਲ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਰਾਮਪੁਰਾ ਫੂਲ ਅਤੇ ਡੀ.ਸੀ.ਬਠਿੰਡਾ ਵੱਲੋਂ ਪਿੰਡ ਦਾ ਦੌਰਾ ਨਾ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀਆਂ ਜਾਇਜ਼ ਮੰਗਾਂ ਵੱਲ ਚੁੱਪ ਧਾਰੀ ਰੱਖਣਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਲੋਕ ਵਿਰੋਧੀ ਹੋਣ ਦਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਮਾਫੀਏ ਨਾਲ ਮਿਲੀਭੁਗਤ ਹੋਣ ਦਾ ਸਾਫ ਸਬੂਤ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਆਬਾਦੀ ਵਿਚ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਠੇਕਾ ਨਾ ਖੋਲ੍ਹਣ ਦੇ ਨਿਯਮ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸ਼ਰੇਆਮ ਹੀ ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਨਾਜਾਇਜ਼ ਕਾਰੋਬਾਰ ਬਿਨਾਂ ਸਿਆਸੀ ਸ਼ਹਿ ਤੋਂ ਨਹੀਂ ਚੱਲ ਸਕਦਾ।