StatCounter

Sunday, September 25, 2011

WE SUPPORT LUDHIANA TEXTILE WORKERS STRUGGLE

टेक्सटाइल मजदूरों की हड़ताल का चौथा दिन

पुडा मैदान में विशाल धरना जारी

टेक्सटाइल मजदूर के समर्थन में आए अन्य संगठन

क्रान्तिकारी सांस्कृतिक टोली ने पेश किए इंकलाबी नाटक व गीत
25 सितम्बर 2011, लुधियाना। आज चौथे दिन भी गौशाला,कशमीर नगर, माधोपुरी, मोतीनगर, हीरा नगर, हरगोबिन्द नगर, गुरु गोबिन्द सिंह नगर, टिब्बा रोड इलाकों के पावरलूम कारखानों के मजदूरों की हड़ताल जारी रही। आज बहुत सारे अन्य कारखानों के मजदूरों ने बड़ी संख्या में हड़ताली मजदूरों के पुडा मैदान में चल रहे धरने में भागीदारी की। हालाँकि अभी भी टेक्सटाइल मालिक अडिय़ल रवैया अपनाए हुए हैं और मजदूरों की श्रम कानूनों को लागू करने की माँगों को मानने को तैयार नहीं है। लेकिन मजदूरों के हौंसले बुलंद हैं और अपने हक लेने के लिए डटे हुए हैं। आज लुधियाना के उपरोक्त इलाकों के 115 कारखानों के मजदूर हड़ताल हड़ताल पर थे। हड़ताल में शामिल मजदूरों की संख्या दो हजार से ऊपर है। संघर्ष का नेतृत्व टेक्सटाइल मजदूर यूनियन कर रही है।
मजदूरों की माँग है कि उनके वेतन में उचित बढ़ौतरी की जाए क्योंकि महँगाई इतनी बढ़ चुकी है कि उनका गुजारा हो पाना असम्भव हो चुका। इसके साथ ही मजदुरों का कहना है कि मालिक भ्रष्टाचार को पूरी तरह त्याग कर श्रम कानूनों को लागू करें। भयंकर गरीबी, बदहाली, दुखों-तकलीफों की जिन्दगी जीने वाले मजदूरों के पास अपना हक लेने के लिए एकजुट संघर्ष के सिवा अन्य कोई रास्ता नहीं है। सारा सरकारी तंत्र भ्रष्ट हो चुका है और कारखाना मालिकों के भ्रष्टाचार को रुकवाने की उसकी कोई इच्छा नहीं है। हड़ताली मजदूरों ने ऐलान किया है कि वे अन्याय के आगे अब झुकने वाले नहीं हैं। युनियन ने समाज के सभी इंसाफपसंद नागरिकों व संगठनों से संघर्षरत मजदूरों के समर्थन में आने की अपील की है।
धरने में आज हरजिन्दर सिंह प्रधान के नेतृत्व में मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन के साथियों ने भी भागीदारी की और हर प्रकार से सहयोग करने का ऐलान किया। आपरेशन ग्रीन हण्ट विरोधी मंच, पंजाब के सह-संयोजक प्रो. ए. के . मलेरी ने भी मजदूरों के संघर्ष का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है।

आज धरने में डॉ. जसमीत एवं साथियों ने दो शानदार लघुनाटक पेश किए। पूँजीवादी समाज में आज मजदूरों को महज मशीनों के पुर्जे बना दिया गया है। पूँजीपति वर्ग के लिए मजदूरों की इंसान के तौर पर कोई हैसियत नहीं है। इसी दर्दनाक परिस्थिति को ब्यान करने वाला मशीन नामक नाटक पेश किया है। 28सितम्बर को शहीदे-आजम भगतसिंह का जन्मदिवस है। शहीद भगतसिंह के विचारों पर केन्द्रित जोशीले नाटक इंकलाब मजदूरों के बेहद पसंद किया। नाटक खत्म होने के बाद भी काफी देर तक इंकलाब जिन्दाबाद के नारे लगते रहे। साथी नसीम एवं साथियों ने पूँजीपति वर्ग के जनविरोधी चरित्र को जाहिर करने वाला लघु नाटक साँप पेश किया जो सभी मजदूरों ने बहुत पसंद किया।

Courtesy : Ludhiana Worker's News

No comments:

Post a Comment